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4 Feb 2023 · 1 min read

पापा

पापा मेरी आस है तू,
क्यों इतना उदास है तू।
पापा चाहे कैसा हो,
रंक या राजा जैसा हो।

हर पापा का सम अभिनन्दन,
हरि के जैसा होता बन्दन।
समय बड़ा सतरंगी है,
भले आज कुछ तंगी है।

पिता प्रेम की गहराई,
सबने एक जैसी पाई।
जैसे मलयगिरि का चंदन,
त्यों पापा का है आलिंगन।

कुछ करने का इरादा है,
मेरा तुझसे वादा है।
एक दिन ऐसा आएगा,
तू खुल कर मुस्कायेगा।

सतीश सृजन, लखनऊ

Language: Hindi
2 Likes · 241 Views
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