Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2023 · 1 min read

■ सीधी-सपाट…

■ अक़्ल के अंधे, वक़्त चिकित्सक
बौद्धिक और वैचारिक अंधता का कोई उपचार किसी के पास नहीं। ठीक वैसे ही, जैसे वहम का उपचार हक़ीम लुक़मान के पास नहीं था। हां, वक़्त चाहे तो ऐसों का इलाज एक न एक दिन ज़रूर हो सकता है। बेहतर यही है कि चुपचाप समय की प्रतीक्षा की जाए। उसी समय की, जिसने बड़े-बड़े दिग्गज सुधार दिए ठोकर मार-मार कर। फिर ये अदने जीव किस खेत के शकरकंद हैं।।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 430 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
shabina. Naaz
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
चुप रहने की घुटन
चुप रहने की घुटन
Surinder blackpen
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
क्यूं एक स्त्री
क्यूं एक स्त्री
Shweta Soni
अभिषापित प्रेम
अभिषापित प्रेम
दीपक झा रुद्रा
P
P
*प्रणय प्रभात*
🍁यादों का कोहरा🍁
🍁यादों का कोहरा🍁
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Style of love
Style of love
Otteri Selvakumar
गीत- नशा देता मज़ा पहले...
गीत- नशा देता मज़ा पहले...
आर.एस. 'प्रीतम'
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
Phool gufran
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
# कर्मों का लेखा जोखा#
# कर्मों का लेखा जोखा#
rubichetanshukla 781
मैं बेबस सा एक
मैं बेबस सा एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
Love exists or not ?
Love exists or not ?
Abhijeet
" प्रेम -संवाद "
DrLakshman Jha Parimal
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
Manisha Manjari
3339.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3339.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना  कोई मुश्किल या  बहा
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना कोई मुश्किल या बहा
पूर्वार्थ
"पॉजिटिविटी"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल __बुलबुलें खुश बहार आने से ।
ग़ज़ल __बुलबुलें खुश बहार आने से ।
Neelofar Khan
निस्वार्थ एवं कल्याणकारी भाव से दूसरों के लिए सोचना यही है स
निस्वार्थ एवं कल्याणकारी भाव से दूसरों के लिए सोचना यही है स
Raju Gajbhiye
शहर तुम्हारा है  तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
कविता हंसना
कविता हंसना
Akib Javed
कोई गुरबत
कोई गुरबत
Dr fauzia Naseem shad
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
Ravi Prakash
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Loading...