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8 Nov 2022 · 1 min read

दिशा

भटकी हुई दिशा है,
उलझी हुई दशा है ।

राहों में रोशनी हो,तेज वो कहां है,
अंतस् में उर्जा हो,ओज वो कहां है।

निशा को चिराग का सहारा चाहिए,
हमें भी सही दिशा- धारा चाहिए ।
।। रुचि दूबे।।

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