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3 Nov 2022 · 1 min read

*पुराना शहर (पाँच दोहे)*

पुराना शहर (पाँच दोहे)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
शहर पुराने हो गए , चक्रव्यूह अनजान
जाम सड़क-कारें फँसीं ,यह ही है पहचान
(2)
अभियानों को हो गए ,चलते वर्ष पचास
हटा नहीं पर अतिक्रमण ,सबने किए प्रयास
(3)
राहें चौड़ी किस तरह ,रह पाऍंगी आज
बाइक से सड़कें घिरीं ,इनका फैला राज
(4)
है दुकान गज मात्र दो ,दो गज कब्जा और
सड़क अभागी हाँफती ,कहती कलियुग-दौर
(5)
खड़ी दुकानों पर दिखीं ,बाइक ताबड़तोड़
कल से ज्यादा आज हैं ,लगती प्रतिदिन होड़
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
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