Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2022 · 3 min read

आशा – कहानी

आशा एक गरीब परिवार की लड़की है | उसके माता – पिता दोनों खेतिहर मजदूर हैं | आशा को बचपन से ही पढ़ाई से लगाव है | जब वह मात्र तीन साल की थी तब से ही वह ज़मीन पर कुछ न कुछ उकेर दिया करती थी | उसके माता – पिता चाहकर भी उसे पढ़ाने की स्थिति में नहीं थे | वे सोचते थे कि एक गरीब मजदूर की लड़की कैसे पढ़ सकती है | वे न चाहते हुए भी उसकी पढ़ाई रोकना चाहते थे | धीरे – धीरे आशा पांच वर्ष की हो गयी |
आशा के मामा उसके घर से करीब 200 किलोमीटर दूर रहते हैं | एक दिन आशा के मामा उसके घर आते हैं | आशा अपने मामा से अपने दिल की बात बता देती है कि वह पढ़ना चाहती है पर मैं चाहकर भी पढ़ नहीं सकती | वह अपने मामा को पढ़ाई के लिए राजी कर लेती है | उसके मामा उसे अपनी साथ किसी बहाने से अपने साथ ले जाते हैं | और आशा के माता – पिता को बिना बताये आशा को स्कूल भेजने लगते हैं |
आशा के मामा जब भी अपनी बहन के घर आते तो हर बार कोई न कोई बहाना बना देते कि आशा का हमारे घर में मन लग गया है | वह वापस नहीं आना चाहती और वो अपनी मामी की भी घर के काम में मदद करने लगी है | आशा के माता – पिता आश्वस्त हो जाते हैं कि आशा के मामा ने उनकी बच्ची की जिम्मेदारी ले ली है | वे गरीब किस तरह अपनी बच्ची की देखभाल करते |
आशा धीरे – धीरे अपनी पढ़ाई जारी रखती है और स्कूल में सभी स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करती है और अपने मामा – मामी का नाम रोशन करती है | किन्तु आशा के मामा अपनी बहन को इस बारे में चाहकर भी कुछ नहीं बताते | बीच – बीच में आशा अपने माता – पिता से आकर मिल जाती और जल्दी ही वापस चली जाती ताकि पढ़ाई का नुकसान न हो | आशा के माता – पिता को आशा में होते बदलाव नज़र तो आने लगते हैं पर वे सोचते हैं कि आशा के मामा – मामी को बुरा न लगे इसलिए कुछ नहीं कह पाते |
आशा अब कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुकी है | बीच – बीच में आशा के माता – पिता उसकी शादी के बारे में आशा के मामा – मामी को कहते हैं किन्तु आशा शादी की बात को हमेशा टाल देती है | आशा के मामा भी आशा की शादी बाद में करने की बात कहकर टाल देते |
करीब तीन साल बाद अचानक एक दिन आशा अपने मामा के साथ घर आती है और अपने माता – पिता को अपने साथ शहर ले जाती है | एक नए मकान में अपने माता – पिता को जब आशा लेकर आती है तो माता – पिता पूछ बैठते हैं कि ये मकान किसका है और क्या इसे किराए पर लिया है तेरे मामा ने | इस बार आशा सच बता देती है और कहती है कि उसके मामा – मामी के सहयोग और आशीर्वाद से मैं आज इस मुकाम पर हूँ | मामा – मामी ने मुझे पढ़ाया आप सब से छुपाकर | और आज मैं एक सरकारी स्कूल में टीचर हूँ | आशा में माता – पिता की आँखों में ख़ुशी के आंसू झलक पड़ते हैं | वे आशा के मामा के सामने हाथ झुकाकर खड़े हो जाते हैं और उनके योगदान के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं |
आशा ने अपने माता – पिता को खेतिहर मजदूर की जिन्दगी से ऊपर उठाकर एक टीचर के माता – पिता के आसन पर बिठा देती है |

5 Likes · 4 Comments · 480 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

अब गुज़ारा नहीं
अब गुज़ारा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
वक्त रेत सा है
वक्त रेत सा है
SATPAL CHAUHAN
राम हैं क्या ?
राम हैं क्या ?
ललकार भारद्वाज
"मुश्किलों के प्रभाव में जी रहे हैं ll
पूर्वार्थ
हमेशा सही काम करते रहने से,
हमेशा सही काम करते रहने से,
Ajit Kumar "Karn"
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा  ,
“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा ,
Neeraj kumar Soni
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
चुनौतियाँ शहरों की
चुनौतियाँ शहरों की
Chitra Bisht
तुम से मोहब्बत है
तुम से मोहब्बत है
Surinder blackpen
मैथिली मानकीकरण।
मैथिली मानकीकरण।
Acharya Rama Nand Mandal
बेटियां प्रेम करती हैं तो इज़्ज़त उछल जाती है.....
बेटियां प्रेम करती हैं तो इज़्ज़त उछल जाती है.....
Ranjeet kumar patre
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Abhishek Soni
टूटा दिल शायर तो ज़रूर बना,
टूटा दिल शायर तो ज़रूर बना,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
17. सकून
17. सकून
Lalni Bhardwaj
बेमिसाल इतिहास
बेमिसाल इतिहास
Dr. Kishan tandon kranti
सावन गीत
सावन गीत
Pankaj Bindas
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
Ravi Prakash
Hamara Vidyalaya
Hamara Vidyalaya
Utsaw Sagar Modi
..
..
*प्रणय प्रभात*
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
Dushyant Kumar Patel
मेरा कुम्भ तेरा कुम्भ!!
मेरा कुम्भ तेरा कुम्भ!!
Jaikrishan Uniyal
14. Please Open the Door
14. Please Open the Door
Santosh Khanna (world record holder)
आदि भाल पर  अंत  की, कथा  लिखी  बेअंत ।
आदि भाल पर अंत की, कथा लिखी बेअंत ।
sushil sarna
"मोबाइल देवता"
Rahul Singh
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
4149.💐 *पूर्णिका* 💐
4149.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
Loading...