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15 Jul 2022 · 1 min read

*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*

वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे
_________________________
(1)
अभिनन्दन के पात्र वह, उनका ही सम्मान
धन है जिनके पास में, वे ही सिर्फ महान
(2)
जब तक पद था कर रहे, चमचे रोज प्रणाम
अब दिखता कोई नहीं, सबको सौ-सौ काम
(3)
खर्चे पर होगी अगर, थोड़ी-बहुत लगाम
धन की तब होगी बचत, विपदा में आराम
(4)
सोने का है फर्श तो, चाँदी की दीवार
मूरख धन से चाहते, ईश्वर -साक्षात्कार
(5)
यह मस्ती अनमोल है, जिसको कहते ध्यान
बुला रहा साधक यहाँ, बिना खर्च भगवान
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
136 Views
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