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24 Apr 2024 · 1 min read

यही है वो संवेदना है

ये धूप छांव कायाम नही
संवेदनाये कोई आम नही

जीवन का हर एक पहलू है
उम्मीद किरण की
आग है वो

दिल करता है वो ही सही
दिल भरता है वो ही सही

सुख दुख का कोई प्रमाण नही
कर्मो में ही वो लीन सही
ना दुख का कोई भाव नही
ना सुख का कोई ख्वाब नही

यहीं है वो वेदना है
यही है वो संवेदना है ।।

पग पग में जो चल रहा , ये दुनिया जो सीखा रही
जो कुछ भी है वो आज सही
जो कुछ नही वो कल सही

यहीं है वो वेदना है
यही है वो संवेदना है ।।

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