Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2024 · 1 min read

शीर्षक -तुम ही खेवनहार

शीर्षक -तुम ही खेवनहार
———————-
असहाय छोड़कर यूँ हमको,
तुम मत जाओ भगवान।
वापस आओ तुम न जाओ,
करो जगत का तुम कल्यान !

भारत मांँ की नैया के प्रभु,
सदा ही तुम हो खेवनहार।
ऐसे कुसमय साथ न छोड़ो,
रुक जाओ! प्रभु सुनों पुकार!

जान न्योछावर तुम पर है,
मानुष बलि-बलि जाएगा।
प्रेम से तेरे चरणों में मानव,
नित -नित शीश झुकाएगा।

तुम बन जाना देव पुजारी,
करना तुम घंटों की झंकार।
हम सब मिलकर करें अर्चना,
आकर प्रभु सभी तुम्हारे द्वार।।

सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sushma Singh
View all

You may also like these posts

उदधि सुधा
उदधि सुधा
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
खालीपन क्या होता है?कोई मां से पूछे
खालीपन क्या होता है?कोई मां से पूछे
Shakuntla Shaku
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
दीपक बवेजा सरल
#आज-
#आज-
*प्रणय प्रभात*
दो इंसानों के बीच यदि किसी मतभेद के कारण दूरियां बनी हो और आ
दो इंसानों के बीच यदि किसी मतभेद के कारण दूरियां बनी हो और आ
shubham saroj
" रंग "
Dr. Kishan tandon kranti
कामवासना
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
उल्लाला छंद
उल्लाला छंद
n singh
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ
गुमनाम 'बाबा'
3583.💐 *पूर्णिका* 💐
3583.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ कर गुजर जाने की तमन्ना हो दिल में तो रास्ते खुद ही निकल
कुछ कर गुजर जाने की तमन्ना हो दिल में तो रास्ते खुद ही निकल
DR. RAKESH KUMAR KURRE
न राजा बचेगा न रानी
न राजा बचेगा न रानी
Shekhar Chandra Mitra
जज्बात की बात -गजल रचना
जज्बात की बात -गजल रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
चुनौतियों का आईना
चुनौतियों का आईना
पूर्वार्थ
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
DrLakshman Jha Parimal
प्यार का त्योहार
प्यार का त्योहार
Vibha Jain
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
डॉक्टर रागिनी
अंधेरों से जा मिला
अंधेरों से जा मिला
अरशद रसूल बदायूंनी
प्लास्टिक प्रदूषण घातक है
प्लास्टिक प्रदूषण घातक है
Buddha Prakash
लोगों का क्या है
लोगों का क्या है
Shinde Poonam
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
आदि  अनंत  अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कठपुतली
कठपुतली
Sarla Mehta
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
"मेरी बेटी है नंदिनी"
Ekta chitrangini
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
Ravi Prakash
Loading...