Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2022 · 2 min read

पुत्रवधु

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक पांचवी कविता :-

विषय – पुत्रवधु

आज फिर एक पुत्रवधु को जलाया गया
आज फिर एक पुत्रवधु को घर से निकाला गया
आज फिर एक पिता समान ससुर द्वारा पुत्रवधु को नोंचा गया
आज फिर एक भाई समान जेठ /देवर द्वारा पुत्रवधु को रौंदा गया-1

क्या पुत्रवधु एक कबाड़ है जिसे जलाया जाता है
क्या पुत्रवधु बैंक खाता है जिसके खाली होने पर घर से निकाला जाता है
क्या ससुर को पिता तुल्य मानना अपराध है जो उसे नोंचा जाता है
क्या जेठ /देवर को मात्र राखी नहीं बाँधने से उसे रौंदा जाता है -2

इतिहास गवाह है की सास पुत्रवधु की सबसे बड़ी दुश्मन
इतिहास गवाह है की नन्द और जेठानी सास के दो बाजु
क्यों एक पुरानी पुत्रवधु नई पुत्रवधु की दुश्मन
अभी तक बना हुआ है पहेली ये प्रश्न -3

पुत्रवधु की एक गलती भी अस्वीकार
पुत्र की अनगिनत गलती भी स्वीकार
पुत्री 10 बजे भी सोकर उठे तो स्वीकार
पुत्रवधु को थोड़ी भी देर हो जाए तो अस्वीकार -4

पुत्र की गलती पर अभी बच्चा है का पर्दा है
पुत्रवधु की गलती पर संस्कार गलत का गर्दा है
पुत्र निकम्मा नाकाबिल तो भी थक जाता है
पुत्रवधु घर ऑफिस सम्हाल कर भी रोबोट है -5

हम क्यों नहीं समझते इन चापलूसों की भाषा
की हम बहु नहीं बेटी ले जा रहे हैं
की बेटी की आड़ में बेटा पैदा करने की मशीन ले जा रहे हैं
की बेटी की आड़ में नौकरानी मुफ्त की ले जा रहे हैं -6

पुत्र बीमार तो डॉक्टर के चक्कर और दवाइयों की भरमार
पुत्रवधु बीमार तो देशी घरेलु नुस्खों की बहार
पुत्र शारीरिक कमजोर तो भी पुत्रवधु दोषी
कब तक होती रहेगी पुत्रवधु की पेशी -7

कब हम समझेंगे की वो भी है किसी बगिया का फूल
कब हम समझेंगे की वो भी है किसी माँ बाप की नाजुक कली
कब हम समझेंगे की वो भी है छोटी की सहेली
कब हम उसको एक इंसान समझेंगे -कब आखिर कब -8

Affirmations :-
1-हर रोज मुझे अच्छे और सकारात्मक सपने आते है…
2-मैं हमेशा बड़ा सोचता हूँऔर बड़े परिणामो की उम्मीद करता हूँ …
3-मुझे विश्वास है की में कामयाब हो सकता हूँ…
4-मैं किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानता…
5-मुझे अपनी जिंदगी में बहुत आगे जाना है
6-मैं अभी से रोज कुछ नया सिख रहा हूँ ।
7-“मैं जादू हूँ- मैं चमत्कार देख रहा हूँ…
8-मेरा जीवन हर एक दिन बेहतर हो रहा है ।”

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
स्वरचित स्वमौलिक
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

Language: Hindi
391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Neelam Sharma
4404.*पूर्णिका*
4404.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धूल के फूल
धूल के फूल
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
होली
होली
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गीत
गीत
Rambali Mishra
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
Rj Anand Prajapati
नालिश भी कर नहीं सकता 
नालिश भी कर नहीं सकता 
Atul "Krishn"
वेदना
वेदना
AJAY AMITABH SUMAN
बदरी
बदरी
Suryakant Dwivedi
इंसानियत खो गई
इंसानियत खो गई
Pratibha Pandey
मेरी अम्मा
मेरी अम्मा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सियासी खाल
सियासी खाल
RAMESH SHARMA
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
पूर्वार्थ
शरीर और आत्मा
शरीर और आत्मा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"दुम"
Dr. Kishan tandon kranti
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
Dr Mukesh 'Aseemit'
उठो भवानी
उठो भवानी
उमा झा
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ओस बूंद का राज
ओस बूंद का राज
संतोष बरमैया जय
*अभिनंदन के लिए बुलाया, है तो जाना ही होगा (हिंदी गजल/ गीतिक
*अभिनंदन के लिए बुलाया, है तो जाना ही होगा (हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
” ये आसमां बुलाती है “
” ये आसमां बुलाती है “
ज्योति
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jai Prakash Srivastav
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
तेरे बिन
तेरे बिन
Saraswati Bajpai
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...