Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2022 · 1 min read

पिता

पिता से ही है प्रकट पहचान मेरी इस धरा पर,
शीश पर प्रत्यक्ष जब तक उस गगन का हाथ है !
है नहीं चिंता किसी भी मोड़ पर कैसे चलूँगा,
शक्ति सारे विश्व की लगता कि मेरे साथ है ।।
जिस भरोसे दौड़ लेते राह में जलती चिता पर।
क्या लिखेगी कलम मेरी उस पिता पर ?

पिता वह साक्षात् ईश्वर जो न हारे अंत तक भी,
आंधियां प्रतिकूल कितनी, जीत लें जिसके सहारे ।
कब थका है, कब रुका है राह की उलझन से डरकर ?
झोंक दे जो शक्ति सारी, त्याग दे सुख-चैन सारे ।।
है कहाँ साहस कलम का जो लिखे उस देवता पर।
क्या लिखेगी कलम मेरी उस पिता पर ?

सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति भी तो वह पिता है,
पिता हैं परिवार का वटवृक्ष सा जो छाँव देता ।
द्वार ऐसा हर समस्या की जहाँ निष्पत्ति होती,
धैर्य, अनुशासन, मनुजता का सदा जो भाव देता ।।
चल रहे सीना फुला, संदेह कब अधिकारिता पर।
क्या लिखेगी कलम मेरी उस पिता पर ?

है नहीं करता प्रकट वह, भाव निज मन के सहज ही,
झांक कर देखो हृदय में अप्रदर्शित स्नेह-सागर ।
छोड़कर जिनको पिता, सुरलोक में जाकर बसे हैं,
मूल्य पूछो तो पिता का उन सभी से पास आ कर ।।
है नमन उस अनुग्रह को, गर्व हो उस श्रेष्ठता पर।
क्या लिखेगी कलम मेरी उस पिता पर ?

– नवीन जोशी ‘नवल’
बुराड़ी, दिल्ली

(स्वरचित एवं मौलिक)

7 Likes · 12 Comments · 752 Views
Books from डॉ नवीन जोशी 'नवल'
View all

You may also like these posts

सुनहरा सफ़र
सुनहरा सफ़र
Anuj Rana
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
Ravi Prakash
"क्या होगा?"
Dr. Kishan tandon kranti
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रभु दर्शन
प्रभु दर्शन
Rambali Mishra
उन व्यक्तियों का ही नाम
उन व्यक्तियों का ही नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
Manisha Manjari
मुझे प्यार हुआ था
मुझे प्यार हुआ था
Nishant Kumar Mishra
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
4990.*पूर्णिका*
4990.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी नींद
मेरी नींद
g goo
आपकी मेहरबानी है।
आपकी मेहरबानी है।
Jyoti Roshni
दोहे विविध प्रकार
दोहे विविध प्रकार
Sudhir srivastava
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
आज बुढ़ापा आया है
आज बुढ़ापा आया है
Namita Gupta
सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक
लक्ष्मी सिंह
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
"इश्क़ में वादा-खिलाफी आम बात है ll
पूर्वार्थ
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
घटनाएं की नहीं जाती है
घटनाएं की नहीं जाती है
Ajit Kumar "Karn"
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
एक दुआ दिल से
एक दुआ दिल से
MEENU SHARMA
Where is true love
Where is true love
Dr. Kishan Karigar
Loading...