Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2022 · 2 min read

पिता पच्चीसी दोहावली

पिता पच्चीसी दोहावली

पिता नारियल जानिए‌, ऊपर लगे कठोर |
अंदर से मृदुता जहाँ , लेती रहे हिलोर || 1

पिता पुत्र को बाँटता , अनुशासन का पाठ |
कड़क रखे चेहरा सदा , देने सुत को‌ ठाठ || 2

छाती रखता है पिता , गहरी और विशाल |
जिसके अंदर सुत सदा , होता रहे निहाल ||3

अनुभव को वह बाँटता , सदा सुतों के साथ |
जिनके सिर साया पिता , होते नहीं अनाथ ||4

नेक विरासत का धनी‌, पिता दिखे भरपूर |
जि‌स बेटे को यह मिले,वह बनता जग शूर ||5

पिता परीक्षा में सफल, बेटे के हित काम |
दशरथ बनकर प्राण दे , बेटा माने राम || 6

पिता एक स्तम्भ है , बेटा है प्रतिबिम्ब |
सदा सहारा पुत्र को , देता है अविलम्ब ||7
(स्तम्भ में वाचिक भार 5 आया है )

चाल ढाल को देखने, रखे खोलकर. नैन |
पुत्र सही जब राह पर , मिले पिता को चैन ||8

शुभाशीष के हाथ भी , करते सदा प्रकाश |
एक हाथ धरती रखे , दूजा तब आकाश ||9

पिता शीत में गर्म है , और ग्रीष्म में शीत |
छा़ता है बरसात में , जानो पहला मीत ||10

पिता जानिए. पुत्र का , एक अडिग विश्वास |
जीवन के संग्राम में , पिता सदा‌ है आस ||11

बेटे को सोने सदा , मिले पिता का पेट |
घोड़ा बनकर बाप ही , करवाता आखेट ||12

पिता वसीयत मानिए , पिता शरीयत ज्ञान |
पिता नसीहत का सदा, होता है भगवान ||13

सभी समस्या हल करे , पिता‌ एक वरदान |
भूखे रह पूरण करे , बेटे का अरमान ||14

हर पल बेटे के निकट , रहता मन से रोज |
शुभाशीष बौछार से , भरता रहता ओज‌ ||15

मरते दम तक भी पिता , देता है‌ अंजाम |
बेटे की रक्षा करें , सदा सहायी राम ||16

पिता सरोवर मानिए , जिसके हम है अंश |
हम सब छोटे बीज है , पिता हमारा वंश ||17

पिता हमारा गेह है , पिता हमारे भाव |
बहती नदिया धार में , पिता हमारी नाव ||18

पिता हमारे सत्य है , पिता हमारे बोल |
नहीं पिता के प्यार से , स्वर्ण करे कुछ तोल ||19

भजन पिता को मानिए , पिता हमारे धाम |
पिता जहाँ पर है खड़े , वहाँ मिलेंगे राम ||20

कर्म न ऐसे कीजिए , उठे पिता को टीस |
भगवन् जैसे पूज्य हैं , घर के है जगदीश|21

बापू की दुत्कार में , सदा रही पुचकार |
उपमा मिली कठोर की ,फिर भी करता प्यार ||22

बिगड़ा माँ के लाड़ से , पिता हुआ बदनाम |
हँसकर सब स्वीकारता , मिलता जो अंजाम ||23

पलना में ललना बना , ललना से फिर लाल |
उसी लाल पर है पिता , जीवन करे निहाल ||24

पिता हृदय क्या चाहता , समझें पुत्र सुजान |
जब तक जिंदा है पिता , घर में है भगवान ||25

पच्चीसी लिख कलम को , देता हूँ विश्राम |
करे सुभाषा नमन अब , नगर जतारा ग्राम ||

ॐ पित्रदैव्यो नमो नम:

©®सुभाष सिंघई
एम• ए• हिंदी साहित्य , दर्शन शास्त्र
जतारा , जिला टीकमगढ़ (म०प्रग

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 610 Views

You may also like these posts

हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सोने का हिरण
सोने का हिरण
Shweta Soni
We can rock together!!
We can rock together!!
Rachana
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
RAMESH SHARMA
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
gurudeenverma198
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और      को छोड़कर
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
Rakesh Singh
अधूरी तमन्ना (कविता)
अधूरी तमन्ना (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
हम सुख़न गाते रहेंगे...
हम सुख़न गाते रहेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
हे गुरुवर !
हे गुरुवर !
Ghanshyam Poddar
"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे या तो प्र
Urmil Suman(श्री)
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
बाबा भोले भंडारी भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
बाबा भोले भंडारी भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
कोलाहल
कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
घरेलू हिंसा और संविधान
घरेलू हिंसा और संविधान
विजय कुमार अग्रवाल
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
Abhishek Soni
बेजमीरों के अज़्म पुख़्ता हैं
बेजमीरों के अज़्म पुख़्ता हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ओंकार मिश्र
दान दीजिएगा
दान दीजिएगा
Dr fauzia Naseem shad
sp96 आता हुआ बुढ़ापा
sp96 आता हुआ बुढ़ापा
Manoj Shrivastava
रात नहीं सपने बदलते हैं,
रात नहीं सपने बदलते हैं,
Ranjeet kumar patre
3000.*पूर्णिका*
3000.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
तनहाई के दौर में,
तनहाई के दौर में,
sushil sarna
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
shabina. Naaz
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
surenderpal vaidya
Loading...