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27 Apr 2022 · 1 min read

हमें जिनसे मोहब्बत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है

हमें जिनसे मोहब्बत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है
बड़ी जिसकी ज़रूरत है वही हमसे खफ़ा क्यूँ है

हमें तो बात भी करनी नहीं आती किसी से पर
करे जिनसे शरारत है वही हमसे खफ़ा क्यूँ है

अजी बेचैन इस दिल ने बड़े धोके बहुत खाएँ
कहे जिनसे मुसीबत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है

ग़मों से हारकर पक्का किसी दिन हम फ़ना होते
खुशी जिसकी बदौलत है वही हमसे खफ़ा क्यूँ है

सभी को वो दिखाई दे दिखे जो सिर्फ़ ऊपर से
पता जिसको हक़ीक़त है वही हमसे खफ़ा क्यूँ है

-जॉनी अहमद ‘क़ैस’

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