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13 Apr 2022 · 1 min read

हस्यव्यंग (बुरी नज़र)

जिस किसी लड़की ने मुझ पर बुरी नजर है डाली
देख उस लड़की को बना लूँगा मैं अपनी घरवाली
फिर सोचते रहना बैठे बैठे ये क्या से क्या हो गया
और मैं मनाऊँगा ख़ुशिया जैसे ईद हो या दीवाली

तेरे भाई को बनाऊँ साला बहन को बनाऊँ साली
तू गुनगुनाती रहना दर्द भरे नगमे ग़ज़ल कव्वाली
कतई जहर कहर सी लग रही थी पहने आभूषण
बालो में गजरा माथे में बिंदिया कानो में थी बाली

मैं था यारो थोड़ा गोरा वो थी मुझसे थोड़ी काली
फब रहा था उस पर वो काली साड़ी जाली वाली
आँखों से आँखे,मुँह से सिटी, हाथो से मारी ताली
तब समझ आया यारो ये तो है अलग टाईप वाली

©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)

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