Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2021 · 1 min read

My Expressions

A true businessman never ponders on
losses incurred , but concentrates on making efforts in sustaining losses , and stand up again with greater zeal and zest .

Language: English
Tag: Quotation
233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
Ravikesh Jha
4315💐 *पूर्णिका* 💐
4315💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
जन्म :
जन्म :
sushil sarna
काकसार
काकसार
Dr. Kishan tandon kranti
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
आवारग़ी भी ज़रूरी है ज़िंदगी बसर करने को,
आवारग़ी भी ज़रूरी है ज़िंदगी बसर करने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय प्रभात*
*भ्रष्टाचार*
*भ्रष्टाचार*
Dushyant Kumar
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
ओसमणी साहू 'ओश'
घूँघट के पार
घूँघट के पार
लक्ष्मी सिंह
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
आकाश महेशपुरी
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
मेरी जिंदगी सजा दे
मेरी जिंदगी सजा दे
Basant Bhagawan Roy
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
Dr. Rajeev Jain
इश्क़ में कैसी हार जीत
इश्क़ में कैसी हार जीत
स्वतंत्र ललिता मन्नू
स्वच्छ पर्यावरण
स्वच्छ पर्यावरण
Sudhir srivastava
देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।
देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
कवि रमेशराज
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
Shweta Soni
" दिखावा "
ज्योति
ख़बर ही नहीं
ख़बर ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
लेकिन हम सच्चा प्यार, तुमसे नहीं करते हैं
लेकिन हम सच्चा प्यार, तुमसे नहीं करते हैं
gurudeenverma198
एहसास
एहसास
Ashwani Kumar Jaiswal
तुम्हें करीब आने के लिए मेरे,
तुम्हें करीब आने के लिए मेरे,
Ravi Betulwala
Loading...