Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2022 · 1 min read

लफ़्ज़ों के दायरे हों

खूबसूरती तुम्हारी ज़ेहन से हो नुमायाँ ।
अख़लाक में शमिल लफ़्ज़ों के दायरे हो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 175 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

प्रतिभा! ईश्वर से मिलती है, आभारी रहे। ख्याति! समाज से मिलती
प्रतिभा! ईश्वर से मिलती है, आभारी रहे। ख्याति! समाज से मिलती
ललकार भारद्वाज
"अकेला"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी को खुद से जियों,
जिंदगी को खुद से जियों,
जय लगन कुमार हैप्पी
#जय_जगन्नाथ
#जय_जगन्नाथ
*प्रणय*
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
Shreedhar
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
प्यारा सा स्कूल
प्यारा सा स्कूल
Santosh kumar Miri
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#विदाई_____
#विदाई_____
sheema anmol
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
Aisha mohan
VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
दोहा पंचक. . . . वक्त
दोहा पंचक. . . . वक्त
sushil sarna
नए साल का सपना
नए साल का सपना
Lovi Mishra
दोस्त मेरी दुनियां
दोस्त मेरी दुनियां
Dr. Rajeev Jain
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
bharat gehlot
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
Chaahat
मन का आँगन
मन का आँगन
Mamta Rani
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
नववर्ष
नववर्ष
Sudhir srivastava
अवध
अवध
Vivek saswat Shukla
छायावाद के गीतिकाव्य (पुस्तक समीक्षा)
छायावाद के गीतिकाव्य (पुस्तक समीक्षा)
गुमनाम 'बाबा'
3226.*पूर्णिका*
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धीरे चल ज़िंदगी
धीरे चल ज़िंदगी
Meenakshi Bhatnagar
Loading...