मजाक थोड़ी है।
हम जो तुझसे मिले है,
इत्तफाक थोड़ी है।
मिलकर तुम्हे छोड़ दें,
ये मजाक थोड़ी है।
अगर होती तुमसे मोहब्बत,
एक हद तक तो छोड़ देते।
पर हमारी तुमसे मोहब्बत,
कोई हिसाब थोड़ी है।
अब तुम तलाश करोगे,
मेरी इस गजल का जवाब,
ये मेरी दिल की आवाज है,
कोई किताब थोड़ी है।
©अभिषेक पाण्डेय अभि
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