परिवार
मात पिता बेटी बेटा का जीव जगत आकार।
प्रेम पूर्ण सम्बन्धों से बसता नित परिवार।।
आशुतोष का चंचल मन माता करती स्नेह।
नित करता अटखेलियां और छलकता प्रेम।।
बिटिया मेरी प्यारी परी सी और प्रतीक्षा नाम।
शिक्षा कौशल में सदा पूरी करती आयाम।।
मेरे जीवन की संगिनी रंजना की रुप।
साथ निभाती है सदा जीता मैं जस भूप।।
प्रेम शंकर तिवारी
वाराणसी उत्तर प्रदेश