Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
19 Aug 2021 · 1 min read

आओ गोपाल

आओ गोपाल
हो रही है भूमि विकल , अब आओ गोपाल ।
पाप धरा से मिटे कब , जनता करे सवाल ।
जनता करे सवाल ,जीवन जन जन का खार ,
सुर मुरली के सुना , सकून का दे उपहार ।।
गोपि तेरी भटके , प्रीति की दिखा दे राह,
चैन लूटता कूर , मुख से निकले बस आह ।।

1 Like

Loading...