Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2021 · 1 min read

बुंदेली लघुकथा- परछाई़

क्षेत्रिय भाषा-‘बुन्देली’ लघुकथा”

लघुकथा-‘‘परछाईं’’

वास वेसिन के सामने लगे तख्ता पै अक्सर गौरया चोंच मारती। जब कैऊ बेर उतै से हटावे के बाद भी उकौ चोंच मारवौ बंद नइं भऔ तो मैंने उ तखता के ऊपरै एक उन्ना लटका दऔ।
अब गौरया तखता के लिंगा तो आत है पै उकौ चोंच मारवौ बंद को गऔ। वो भौत दिना लौ उतै आकै कछू खोजत फिरत ती शायद उकौ कौनउ अपना हिरा गऔ होय।
0000

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक’आकांक्षा’पत्रिका
टीकमगढ़ (मप्र) 472001
मोबाइल-9893520965

Language: Hindi
1 Like · 266 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

होली खेलन पधारो
होली खेलन पधारो
Sarla Mehta
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
Ranjeet kumar patre
Mere papa
Mere papa
Aisha Mohan
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"आँसू"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
manorath maharaj
4045.💐 *पूर्णिका* 💐
4045.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
महब्बत मैगनेट है और पइसा लोहा
महब्बत मैगनेट है और पइसा लोहा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ये आवारगी
ये आवारगी
ज्योति
कुछ अच्छे गुण लोगों को महान बनाते हैं,
कुछ अच्छे गुण लोगों को महान बनाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
*रामपुर की अनूठी रामलीला*
*रामपुर की अनूठी रामलीला*
Ravi Prakash
नारी की महिमा
नारी की महिमा
indu parashar
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत
Sudhir srivastava
ज़िंदा एहसास
ज़िंदा एहसास
Shyam Sundar Subramanian
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
*प्रणय*
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
Neelofar Khan
ना तुझ में है, ना मुझ में है
ना तुझ में है, ना मुझ में है
Krishna Manshi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कमर तोड़ मेहनत करके भी,
कमर तोड़ मेहनत करके भी,
Acharya Shilak Ram
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
आइए चलें भीड़तंत्र से लोकतंत्र की ओर
आइए चलें भीड़तंत्र से लोकतंत्र की ओर
Nitin Kulkarni
सोच के दायरे
सोच के दायरे
Dr fauzia Naseem shad
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
आओ छंद लिखे (चौपाई)
आओ छंद लिखे (चौपाई)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"प्यासा" "के गजल"
Vijay kumar Pandey
Loading...