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विनोद भारती व्यग्र
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13 Jun 2016 · 1 min read
फासले
उनसे नहीं थीं दूरियां मुझको गंवारा कभी,
आए नहीं वो.. अर’ यहां बढ़ते रहे फासले।
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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