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25 Jun 2021 · 1 min read

विरहन प्रियतमा

मेरे पिया गए सागर पार , जाने कब आएंगे इस पार ।

आ गई बरखा बहार ,
बहे सुहानी मधुर बयार । मेरे पिया …..

मैं विरहन दर्शन की प्यासी ,
तकें राह नयन लगातार । मेरे पिया …..

झूल रहीं सखियांँ झूलों पर ,
गायें मिल राग मल्हार । मेरे पिया…

रतिया कट रहीं गिन गिन तारे ,
निंदिया आवै ना एकऊ बार । मेरे पिया…..

फूल खिले हैं कई रंगों के ,
नित भौंरे करें गुंजार । मेरे पिया…..

प्रियतम को कैसे भेजूं संदेशा
कैसे सुन लें मेरी पुकार । मेरे पिया…..

नित दिन देखो बरसा आए ,
तन-मन ठंडी पड़े फुहार । मेरे पिया …..

ओम कहे प्रिया आस न छोड़ो ,
पिया आएंगे इस बार । मेरे पिया…..

ओमप्रकाश भारती ओम्

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