दोहे- चंदन
तीन दोहे चंदन से महके-
1-
चंदन से वंदन करे,
खुश हो शालिगराम।
तुलसी जी चंदन घिसे,
तिलक लगावे राम।।
***
2
चंदन टीका है लगा,
पंडित की पहचान।
इसकी खुशबू से सदा,
महके सकल जहान।।
***
3
चंदन जैसा तुम बनो,
महके भी किरदार।
सबके मीत बने रहो,
होगी जय जयकार।।
***दिनांक-8-6-2021
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
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