Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 May 2021 · 1 min read

हुआ बेमज़ा है मज़ा आज मुझसे -ग़ज़ल

ग़ज़ल

हुआ बेमज़ा है मज़ा आज मुझसे ।
किसी ने कहा अनकहा आज मुझसे ।

जिसे इश्क़ की ए बी सी डी सिखाई,
वही कर रहा है दग़ा आज मुझसे ।

चढ़ा गिरगिटी रंग चेहरे पे शायद,
तभी आईना है ख़फ़ा आज मुझसे ।

रहा दरम्याँ दर्द धोखे के चलते ,
कि फिर एक धोख़ा हुआ आज मुझसे ।

ज़माना रहा मुझसे बेख़ौफ़ हरदम,
मगर मेरा दिल ही डरा आज मुझसे ।

पता है जमाने को जब मेरी आदत,
ये फिर क्यूँ जमाना जला आज मुझसे ।

बुरा मैं कहूँ तो कहूँ किसको रकमिश,
मिला कोई भी न बुरा आज मुझसे ।

– रकमिश सुल्तानपुरी

Loading...