Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Mar 2021 · 1 min read

दोहे

सुप्रभात मित्रों ?❤️?

सर्दी की ठिठुरन गयी,आया है मधुमास।
रवि रथ पर आरूढ हो,बंधा रहा है आस।
पूरब से निकला सहज, हुआ शुभ्र परभात।(१)
भोर खिली अनुपम छटा,लिए सुनहला गात।(२)
?❤️?
अटल मुरादाबादी

Loading...