शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा की चांदनी रात मे,
पति-पत्नि दोनों हों एक साथ मे।
प्यार की वे बातें दोनों करते रहे,
लड़े झगड़े न किसी भी बात मे।।
शरद चन्द्रमा मे पूर्ण चमक हों,
पति पत्नि मे भी पूर्ण दमक हों।
चावलो की मीठी खीर बनी हों,
प्यार की उसमे रमक चमक हों।।
चाँद की अनोखी चांदनी रात हों,
अम्बर से अमृत की बरसात हों।
मीठी मीठी खीर खा रहे हों हम,
पिया से ये पहली मिलन रात हों।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम