मुदावा कौन करे
मुदावा कौन करे, इश्क़ के बीमार का
अब दम कौन भरे,तेरे इस प्यार का।
कभी हाल तुमने पूछा नहीं है आ कर
और ज़ुल्म है दिल पे ,तेरे इंतज़ार का।
बात बात पर ,बयान बदल देते हैं वो
शक क्यों न हो ,उन पर गद्दार का
ये आजमाइश पास रखो तुम अपने
और दिल न दुखाओ,मुझ बीमार का।
कोई वैद , कोई हकीम ,ज़रा बुलाओ
इलाज जो बता दें ,तेरे दीदार का।
सुरिंदर कौर