करते जाना प्यार
गीतिका
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नित्य सभी से करते जाना, प्यार हमें।
और मुश्किलों से पाना है, पार हमें।
सब अपने हैं साथी प्रिय जो, साथ चले।
किन्तु कभी भी नहीं है जाना, हार हमें।
कोशिश से मिल जाती मंजिल, याद रखें।
कभी कभी मिल भी जाते हैं, खार हमें।
बिना रुके बढ़ने के क्रम में, देर न कर।
चलते चलते मिल जाते हैं, यार हमें।
सभी ओर हो ध्यान हमारा, गौर करें।
और तेल की सदा देखनी, धार हमें।
उचित समय पर उत्तर देना, बात सही।
कभी न सहनी व्यर्थ समय की, मार हमें।
समय सँभलने का मत देना, नीति रहे।
उचित समय दुश्मन पर करना, वार हमें।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य