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22 Nov 2020 · 1 min read

-----बिटिया

कविता ✍️??

❤️ बिटिया ❤️

बचपन में मां ने मेरे लिए नई- नई पोशाक बनाती थी, पहनकर मैं इतराती थी,मुस्कुराती थी,
सब चाची ताई को दिखाती थी

छज्जै पर खड़ी हो सामने वाली चाची को भी दिखाती थी, कि मेरी मां ने बनाई है, कैसी लग रही है??

बरसो बाद आज मैंने भी एक ड्रेस अपनी लाड़ो के बनाई,
पहनकर वो भी मुस्कराईऔर इतराई,

हां! पहले की तरह अब नहीं होती सबके चाची ताई और न ही पहले वाले वो छज्जै..
फिर उसनेे उस ड्रेस में प्यारी- प्यारी फोटो खिंचवाई,

वाॅटसएप में सबको को दिखाई,
संदेश भेजा कि ये मेरी मां ने बनाई,प्लीज़! रिप्लाई….???

उसकी यह खुशी देख,, मैं भी हरषाई, मेरी मां की भी मुझे बहुत याद आई………

सदियों से सभी ने निभाई,
होती हमेशा बेटी की विदाई,
ऊपर वाले ने भी क्या
रीत बनाई!!
कैसा है ये मां बेटी का रिश्ता?
जिगर के टुकड़े को किसी और को ‘सीमा’देना पड़ता।।
– सीमा गुप्ता

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