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29 Oct 2020 · 1 min read

दर्द

जब याद तुम्हारी आती है

दिल यादों में खो जाता है

आँखों में उमड़ते हैं बादल

जी मेरा घुट घुट जाता है ||

प्यार की सूनी गलियों में

हर वक्त भटकता रहता हूँ

जिन राहों में साथ थे हम

उनको ही तकता रहता हूँ

सारा मन्जर अब बदल गया

धुंआ धुंआ सा दिखता है

अब तो रातों का रहजन भी

दिन में रहबर लगता है ||

कब तक मैं खामोश रहूँ

किससे अपना दर्द कहूँ

प्यार के वादों की डोली को

कब तक लेकर साथ चलूँ

अपना कोई बदल गया

हर शख्स बेगाना लगता है

उल्फत का ये ताजमहल

अब खण्डहर लगता है ||

अरमान भरे दिल से मैंने

कभी उनकी तस्वीर बनाई थी

पर भूल से उसको भी मैंने

बस शीशे में जड़वाई थी

खुदगर्जी के पत्थर ने

उस शीशे को तोड़ा है

उसने प्यार की बहती कश्ती को

तूफानों संग छोड़ा है

भूल गया सब ,वह वक्त न भूला

तेरे संग जो गुजरा है

गुजरी हुई यादों का बादल

फिर से मन मष्तिस्क में उमड़ा है

खुश रहो तुम ,जिओ ज़िन्दगी

सिर्फ मेरा घर ही उजड़ा है

प्यार को जो मोल दे सके

तू ऐसा सौदागर निकला है||

Language: Hindi
569 Views

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