Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2020 · 1 min read

राजनीति

ज़िक्र भी करदूं ‘मोदी’ का तो खाता हूँ गालियां
अब आप ही बता दो मैं
इस चलती कलम से क्या लिखूं ??

कोयले की खान लिखूं
या मनमोहन बेईमान लिखूं ?

पप्पू पर जोक लिखूं
या मुल्ला मुलायम लिखूं ?

सी.बी.आई. बदनाम लिखूं
या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ?

शीला की विदाई लिखूं
या लालू की रिहाई लिखूं

‘आप’ की रामलीला लिखूं
या कांग्रेस का प्यार लिखूं

भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ
या प्रशासन बेकार लिखू ?

महँगाई की मार लिखूं
या गरीबो का बुरा हाल लिखू ?

भूखा इन्सान लिखूं
या बिकता ईमान लिखूं ?

आत्महत्या करता किसान लिखूँ
या शीश कटे जवान लिखूं ?

विधवा का विलाप लिखूँ ,
या अबला का चीत्कार लिखू ?

दिग्गी का’टंच माल’लिखूं
या करप्शन विकराल लिखूँ ?

अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखू,
या सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू?

दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू
या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ?

गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं
या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ?

जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं
या बीस दलो की लंगड़ी सरकार लिखूँ ?

नेताओं का महंगा आहार लिखूं
या 5 रुपये का थाल लिखूं ?

बेरोजगारों की कहानी लिखु
या रेत माफिया का खेल लिखू

नेताओं की घिनौनी राजनीति लिखूँ
या मरते किसान की कहानी लिखु

लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं
या पी.एम्. की कुर्सी पे मोदी का नाम लिखूं ?

अब आप ही बता दो मैं
इस चलती कलम से क्या लिखूं”

— अंकित कौरव राजू
गाड़रवारा

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 373 Views

You may also like these posts

हम अभी ज़िंदगी को
हम अभी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
हायकू
हायकू
Santosh Soni
महकती नहीं आजकल गुलाबों की कालिया
महकती नहीं आजकल गुलाबों की कालिया
Neeraj Mishra " नीर "
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
डरना हमको ज़रा नहीं है,दूर बहुत ही कूल भले हों
डरना हमको ज़रा नहीं है,दूर बहुत ही कूल भले हों
Dr Archana Gupta
"तरफदारी"
Dr. Kishan tandon kranti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
Neeraj Agarwal
🙅सीधी-बात🙅
🙅सीधी-बात🙅
*प्रणय*
हुआ क्या है
हुआ क्या है
Neelam Sharma
*जख्मी मुस्कुराहटें*
*जख्मी मुस्कुराहटें*
Krishna Manshi
भुला देना.....
भुला देना.....
A🇨🇭maanush
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
डॉ. दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
वक्त ने जो दिए हैं मौके, कद्र कर लो,
वक्त ने जो दिए हैं मौके, कद्र कर लो,
Ritesh Deo
महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस
महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस
Anop Bhambu
जल जैसे रहे
जल जैसे रहे
पूर्वार्थ
गुरू
गुरू
Neha
मेरे प्रेम पत्र
मेरे प्रेम पत्र
विजय कुमार नामदेव
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
सत्य कुमार प्रेमी
रुकती है जब कलम मेरी
रुकती है जब कलम मेरी
Ajit Kumar "Karn"
आज भी अधूरा है
आज भी अधूरा है
Pratibha Pandey
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
Kalamkash
'मेरे गुरुवर'
'मेरे गुरुवर'
Godambari Negi
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्रोध घृणा क्या है और इसे कैसे रूपांतरण करें। ~ रविकेश झा
क्रोध घृणा क्या है और इसे कैसे रूपांतरण करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
स्वप्न से तुम
स्वप्न से तुम
sushil sharma
23/04.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/04.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...