हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
अंत हो रहा है रिश्तों का,
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
इण्डिया नहीं भारत है कहना,
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये