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8 Sep 2020 · 1 min read

समय चल रहा है !!!

समय चल रहा है जीवन उसमें ढल रहा है।
क्यों आगे की चिंता पालू वर्तमान ही संभालू।
क्या पता? भविष्य के गर्भ में, क्या पल रहा है ।।

इधर उधर न समय गवाऊं ।
समय का काम समय पे कर पाऊं।
कर्म पथ ही मेरा अटल रहा है।।

घर है परिवार है समाज सारा मेरा।
क्यों कहूं किसी को तेरा या गेरा।
अंतरण सदा ही निश्चल रहा है।।

सुख में हंसा हूं दुख में भी कहां? रोया।
मैंने मन में अपने हमेशा एक ही मंत्र है बोया।
कर्म है धर्म मेरा “अनुनय” वही फल रहा है।।
राजेश व्यास अनुनय

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