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8 Sep 2020 · 1 min read

हो गया सुन्न

हो गया सुन्न

आज मैं
डांट रहा था छात्र को
उसकी अकर्मण्यता पर
क्रोधवश कह बैठा
बुला कर लाना कल
अपने पिता को
साथी अध्यापक ने बताया
नहीं हैं इसके पिता
लंबी बीमारी के उपरांत
हो गई थी उनकी मृत्यु
बनाती थी रोटियां
मांजती थी बर्तन
विवाह शादियों में
इसकी मां
एक रात आ रही थी
रोटियां बनाकर शादी से
एक सिरफिरे शराबी ने
रात के अंधेरे में
किया उस पर वार
नलके की हत्थी से
और वो भी कह गई अलविदा
इन बच्चों को
सुनकर ये सब
मैं हो गया सुन्न
कुछ देर के लिए

-विनोद सिल्ला©

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