शिक्षक
शिक्षक 2
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शिक्षक अनमोल रत्न है
हम सभी को शिक्षकों का
सम्मान करना चाहिए,
शिक्षक ने ही अपनी शिक्षा से
आज हमें इस मुकाम तक
पहुँँचाया है जान लीजिए।
शिक्षा के बिना हमारा
क्या हाल होता?
कुछ तो विचार कीजिये।
शिक्षक ही नहीं होता
तो हमारी शिक्षा का क्या होता?
ये अहसास कर लीजिए।
माँ ने जन्म दिया
जीवन आधार दिया,
उसका सम्मान है।
परन्तु शिक्षक ने भी हमें
जीवन दर्शन का ज्ञान दिया
हमारे सपनों को मान दिया
हमें इस लायक बनाया,
कि हमनें जीवन में
जो चाहा वो पाया,
इसलिए तो शिक्षक का
सम्मान होना चाहिए।
शिक्षक ने हमें पढ़ाने के लिए
वो सब किया,
जो हमारी शिक्षा के लिए जरूरी है,
मारा पीटा,सजा दी
प्यार ही नहीं हमारी सफलता पर
अपने बच्चों सी शाबाशी भी दी।
बहुत बार तो शिक्षकों नें
प्रताड़ना भी सही।
परंतु शिक्षक ने कभी
अपना कर्तव्य नहीं छोड़ा,
हमें रास्ते पर लाने के
शिक्षक ने कितनी बार
अपना सिर फोड़ा।
शिक्षक हमारे भविष्य के लिए
कुछ भी करना चाहते हैं,
परंतु बदले में हम उन्हें
विश्वास तो दिलाये ही
कि हम भी शिक्षकों को
आदर मान सम्मान
देना जानते हैं।
✍सुधीर श्रीवास्तव