मरूधरां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
आजकल किन किन बातों का गम है
*राज कपूर के अनन्य प्रशंसक मुरादाबाद निवासी डॉक्टर राकेश कुम
जीवन है बस आँखों की पूँजी
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'