Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2020 · 1 min read

कविता

रौशनी ने पूछा अंधेरे से
हम क्यों इस तरह मिलते हैं
तुम मुझमें होते हो समाहित
और मैं हो जाती हूँ उत्साहित ।
तुम्हारे वजूद से ही मैं यहाँ हूँ
तुम्हारी तारीफ़ में और क्या कहूँ ।
लोग समझते हैं हम दोनो जुदा है
उन्हे क्या पता हम एक दूसरे पे फिदा है ।
मेरे वजूद के लिए तुम्हारा होना ज़रूरी है ।
सदियों से हमारी रही यही मज़बूरी है ।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 447 Views

You may also like these posts

देखो ना आया तेरा लाल
देखो ना आया तेरा लाल
Basant Bhagawan Roy
"तुम्हे बुनते बुनते"
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पहली बारिश
पहली बारिश
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Santosh kumar Miri
"गोहार: आखिरी उम्मीद की"
ओसमणी साहू 'ओश'
सुनो न
सुनो न
sheema anmol
सुहासिनी की शादी
सुहासिनी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
अल्फाज़
अल्फाज़
हिमांशु Kulshrestha
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
उजालों की चकाचौंध में ,लोग हमें भूल जाते हैं।
उजालों की चकाचौंध में ,लोग हमें भूल जाते हैं।
Deepesh purohit
"तन-मन"
Dr. Kishan tandon kranti
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
अच्छी सीख
अच्छी सीख
अरशद रसूल बदायूंनी
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
Atul "Krishn"
3.बूंद
3.बूंद
Lalni Bhardwaj
कन्या
कन्या
Bodhisatva kastooriya
राजनीति और वोट
राजनीति और वोट
Kumud Srivastava
3343.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3343.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
रखा है
रखा है
पूर्वार्थ
पंकज दर्पण अग्रवाल
पंकज दर्पण अग्रवाल
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक  अबोध बालक 😂😂😂
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक 😂😂😂
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों
क्यों
Ragini Kumari
..
..
*प्रणय*
"न" कहना जरूरी है
Sudhir srivastava
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
Rajesh Kumar Arjun
संवेदना कभी श्राप भी है।
संवेदना कभी श्राप भी है।
Priya princess panwar
Loading...