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26 Aug 2020 · 1 min read

अब बस

आओ तुम अब ,करीब बस मेरे
रीत हो तुम ही ,औऱ प्रीत भी मेरे

दिल में तुम ही, अब समा जाओ
आँखों में प्रेम बन, अब बस जाओ

मन में उतर गहरे ,स्नेह भर जाओ
रंग बन कर,मेरे जीवन मे चले आओ

बन लबो पर हंसी,प्रीत दिखाओ
करीब तुम मेरे ,बस आ जाओ

उतर कर मुझ में,नेह रूप में
मुझको तुम , अपना बना जाओ

छोड़ो दुनिया दारी,प्रेम गली आओ
आकर तुम मुझ में,बस समा जाओ
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

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