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31 Jan 2017 · 1 min read

ऋतु बसंत

कोयल डाल- डाल, जब बोली
कलियों ने तब आँखें खोली
पवन महक बिखराती डोली
सजी धरा पर पुष्प- रँगोली
गोपी लगी खेलने होली
किया पराजित शिशिर शरद को
ऋतु बसंत ने फिर जय बोली ।।

डॉ रीता
एफ -11 , फेज़- 6
आया नगर,नई दिल्ली- 47

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