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5 Aug 2020 · 1 min read

◆{{◆ सुनहरी तस्वीर लगाते है ◆}}◆

चल ख्वाबो की एक दीवार बनाते है
उसमे यादों की सुनहरी तस्वीर लगते है,

गुज़रा वक़्त जो बीत गया, हवा के झोंको की तरह
मन के आंगन में उसकी मीठी पुरवाई लाते है,

पलकें भारी है नींद से मगर नींद नही आती
आज बचपन की तरह, माँ की गोद में लोरी सुन आते है,

सारी दुनिया नाप ली अपनो कदमों से मगर वो खुशी न मिली
फिर से पापा की उंगली थाम, वो मेला घूम आते है,

जाने कहाँ खो गया वो रिश्तों से भरा घर अपना
यादों के झरोखों को खोल, उस घर का पता पूछ आते है,

साँसे तो चल रही है मगर जज़्बात सारे मर गए
ज़िन्दगी की किताब से, एहसास सारे ढूंढ लाते है,

उल्फ़त की राह में जानें कितनी ठोकर खा लिए
ख़ुदा से नसीब में मोहब्बत का लम्हा मांग लाते है,

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 462 Views

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