Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2020 · 5 min read

जीने के लिए महासागरों को बचाना होगा 

जीने के लिए महासागरों को बचाना होगा
———————–प्रियंका सौरभ

जीवन में महासागरों के महत्व को समझते हुए पर हम पृथ्वी वासियों का ध्यान महासागरों के अस्तित्व को अक्षुण्ण रखने की ओर अवश्य ही जाना चाहिए। वर्तमान में मानवीय गतिविधियों का असर समुद्रों पर भी दिखने लगा है। समुद्र में ऑक्सीजन का स्तर लगातार घटता जा रहा है और तटीय क्षेत्रों में समुद्री जल में भारी मात्रा में प्रदूषणकारी तत्वों के मिलने से जीवन संकट में हैं। तेलवाहक जहाजों से तेल के रिसाव के कारण समुद्री जल के मटमैला होने पर उसमें सूर्य का प्रकाश गहराई तक नहीं पहुँच पाता, जिससे वहाँ जीवन को पनपने में परेशानी होती है और उन स्थानों पर जैव-विविधता भी प्रभावित हो रही है। महासागरों के तटीय क्षेत्रों में भी दिनों-दिन प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिंताजनक है।

दुनियाभर में आठ जून के दिन विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। महासागर पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी अहम भूमिका निभाते है। इसका मुख्य मकसद लोगों को समुद्र में बढ़ रहे प्रदूषण और उससे होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करना है। पृथ्वी पर महासागरों के बगैर जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल ही लगता है, क्योंकि समंदर को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद उपयोगी माना जाता है, बावजूद इसके महासागरों में तेजी से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। महासागरों में गिरने वाले प्लास्टिक प्रदूषण के वजह से महासागर धीरे-धीरे अपशिष्ट होते जा रहे हैं। जिसका समुद्री जीवों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है क्योंकि समुद्री जीव गलती से प्लास्टिक को अपना भोजन समझ लेते हैं जिससे उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।

हर साल विश्व महासागर दिवस को अलग-अलग थीम के अनुसार मनाया जाता है। इस बार विश्व महासागर दिवस 2020 का विषय है ‘एक सतत महासागर के लिए नवाचार’ ,विश्व महासागर दिवस मनाए जाने के पीछे मकसद केवल महासागरों के प्रति जागरुकता फैलाना नहीं है,विश्वभर में महासागरों की अहमियत और भविष्य में इनके समक्ष खड़ी चुनौतियों से भी अवगत करवाया जाता है। इतना ही नहीं, इस दिवस पर कई महासागरीय पहलू जैसे-खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन,सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल, जलवायु में हो रहा परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है।

पिछले दशकों में, ग्लोबल वार्मिंग से बर्फ की चादरें और ग्लेशियर को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, बर्फ के आवरण और आर्कटिक की समुद्री सीमा और मोटाई में कमी आई है, और तापमान में वृद्धि हुई है। ग्लोबल मीन सी लेवल बढ़ रहा है, इन बदलावों ने स्थलीय और मीठे पानी की प्रजातियों और पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित किया है, तटीय पारिस्थितिकी तंत्र समुद्र के गर्म होने से प्रभावित होते हैं, जिसमें तीव्र समुद्री ऊष्मातापी, अम्लीकरण, ऑक्सीजन की हानि, लवणता और समुद्र स्तर में वृद्धि शामिल है। समुद्र और जमीन पर मानव गतिविधियों से प्रतिकूल प्रभाव पहले से ही निवास स्थान, जैव विविधता, साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र के कामकाज और सेवाओं पर देखे जाते हैं।

महासागर और क्रायोस्फीयर (बर्फीला आर्किटक क्षेत्र) पृथ्वी प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूर्य की ऊर्जा से संचालित, बड़ी मात्रा में ऊर्जा, पानी और जैव-रासायनिक तत्व मुख्य रूप से कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का पृथ्वी के सभी घटकों के बीच आदान-प्रदान किया जाता है। सूर्य से पृथ्वी की सतह की ऊर्जा विभिन्न रूपों में परिवर्तित हो जाती है, जो वायुमंडल में मौसम प्रणाली और समुद्र में धाराओं, भूमि और समुद्र में ईंधन प्रकाश संश्लेषण, और मौलिक रूप से बदल जाती है। महासागर में गर्मी को संग्रहीत करने और जारी करने की एक बड़ी क्षमता है, महासागर की बड़ी ऊष्मा क्षमता वायुमंडल की तुलना जलवायु परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार होती है। सतह महासागर से वाष्पीकरण वायुमंडल में पानी का मुख्य स्रोत है, जिसे वर्षा के रूप में पृथ्वी की सतह पर वापस ले जाया जाता है।

समुद्र और क्रायोस्फीयर कई तरीकों से आपस में जुड़े हुए हैं। समुद्र से वाष्पीकरण बर्फबारी प्रदान करता है जो बर्फ की चादर और ग्लेशियरों का निर्माण करता है और भूमि पर जमे हुए पानी की बड़ी मात्रा को जमा करता है। महासागर का तापमान और समुद्र का स्तर बर्फ की चादर, ग्लेशियर और बर्फ-शेल्फ स्थिरता को उन जगहों पर प्रभावित करता है जहां बर्फ के पानी का आधार समुद्र के पानी के सीधे संपर्क में है। समुद्र के तापमान में परिवर्तन के लिए बर्फ के पिघलने की प्रतिक्रिया का मतलब है कि समुद्र के तापमान में मामूली वृद्धि से बर्फ की चादर या बर्फ के शेल्फ के बड़े हिस्से को तेजी से पिघलाने और अस्थिर करने की क्षमता है।

भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग के कारण चार भारतीय तटीय शहर- कोलकाता, मुंबई, सूरत और चेन्नई वैश्विक स्तर पर 45 ऐसे तटीय शहरों में से हैं, जहां समुद्र के स्तर में 50 सेमी की वृद्धि से भी बाढ़ आ जाएगी। वास्तव में, चरम समुद्र तल की घटनाएं जो अतीत में एक सदी में एक बार हुआ करती थीं, हर साल कई क्षेत्रों में मध्य शताब्दी तक घटित होंगी। हिंदू कुश हिमालयी क्षेत्र में दस प्रमुख नदी घाटियों में एशिया को सबसे मजबूत प्रभाव का सामना करना पड़ेगा। इनमें टीएन शान, कुन लून, पामीर, हिंदू कुश, काराकोरम, हिमालय और हेंगडुआन और उच्च ऊंचाई वाले तिब्बती पठार क्षेत्र शामिल हैं। वर्षा पैटर्न में बड़े पैमाने पर अनिश्चितता होगी। सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों के पहाड़ी और निचले इलाकों में अत्यधिक वर्षा की घटनाओं में वृद्धि के कारण बाढ़, अधिक बार और गंभीर हो जाएगी।

जलवायु परिवर्तन महासागर के पारिस्थितिकी तंत्रों पर भारी पड़ रहा है और समुद्र में अधिकांश लोगों के जीवन के लिए एक विनाशकारी भविष्य का चित्रण करता है, इसलिए आज हमें समुद्र के वातावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभावों के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए काफी आगे की जांच की आवश्यकता है। मानवजनित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को घटाकर नीतिगत विकास के लिए नवीकरणीय ऊर्जा; शिपिंग और परिवहन; तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा और बहाली; मत्स्य पालन, जलीय कृषि और स्थानांतरण आहार; और सीबेड में कार्बन भंडारण पर ध्यान देने की जरूरत है।

वर्तमान भविष्यवाणियों के अनुसार, वार्मिंग परिदृश्य के आधार पर, क्षेत्रीय तापमान 2100 तक 3.5 डिग्री सेल्सियस और 6 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ने की संभावना है, जिससे ग्लेशियर की मात्रा में 36 से 64 प्रतिशत तक का महत्वपूर्ण नुकसान होगा। यह पानी के प्रवाह और इसकी उपलब्धता को प्रभावित करेगा। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल संसाधनों में घरेलू उपयोग, कृषि और जलविद्युत के लिए सीधे-सीधे “प्रभावित” होगा, सभी देशों को समुद्र के भीतर अक्षय ऊर्जा संसाधनों और ऊर्जा कुशल तटीय और अपतटीय बुनियादी ढांचे के अध्ययन और विकास के लिए समय रहते नए प्रयास शुरू करने चाहिए। और जीने के लिए महासागरों को बचाने में जुट जाना चाहिए।

—-प्रियंका सौरभ
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,
कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 387 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
Dr. Sunita Singh
महाकाव्य लिखकर दिखलाऊँ |
महाकाव्य लिखकर दिखलाऊँ |
संजय निराला
डर के आगे जीत।
डर के आगे जीत।
Anil Mishra Prahari
"पनघट की गोरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कभी मीठी
कभी मीठी
Dheerja Sharma
भोर
भोर
Kanchan Khanna
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
पर्दा खोल रहा है
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
"दर्द के फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं
बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी के मर्म
ज़िंदगी के मर्म
Shyam Sundar Subramanian
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
खुश रहने से और नेकियाँ करने से बड़ी उम्र भी छोटी लगती है ,
खुश रहने से और नेकियाँ करने से बड़ी उम्र भी छोटी लगती है ,
Neelofar Khan
किसान
किसान
Dinesh Kumar Gangwar
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
दीपक बवेजा सरल
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
मेरी जिन्दगी के दस्तावेज
मेरी जिन्दगी के दस्तावेज
Saraswati Bajpai
यु तो अपनो से ही है, सपने
यु तो अपनो से ही है, सपने
Anil chobisa
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
In life ever enjoy & cheer everybody Wish you lot's Happy ne
In life ever enjoy & cheer everybody Wish you lot's Happy ne
Rj Anand Prajapati
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
"दावतें" छोड़ चुके हैं,
*प्रणय प्रभात*
होली आई, होली आई,
होली आई, होली आई,
Nitesh Shah
ऋतुओं का राजा आया
ऋतुओं का राजा आया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
चलो रे काका वोट देने
चलो रे काका वोट देने
gurudeenverma198
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
यूं आज जो तुम्हें तारों पे बिठा दी गई है
यूं आज जो तुम्हें तारों पे बिठा दी गई है
Keshav kishor Kumar
Loading...