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27 Jul 2020 · 1 min read

◆{{◆ मालूम न था ◆}}◆

मोहब्बत कर के भी आज हम अकेले हैं
तन्हाइयां नसीब होगी ये मालूम न था

हम डूब गए और सब तमाशा देखते रहे
तू मेरे पाँव में पत्थर बंधेगा ये मालूम न था

एक तेरे साथ ही हर सफ़र तय करना था
रास्ते मे तू मुकर जाएगा ये मालूम न था

मोहब्बत की तेरे हर निशानियां मुझे आज
काँटो सी चुभती है
हर चुभन तेरी और याद दिलायेगा ये मालूम
ना था

अपने आँखों का हर मोती तुमपे नौछावर
कर दिया
सुनी निगाहे भी तेरा इन्तेज़ार करेगी ये
मालूम ना था

तेरे फूलो की इनायत हमेसा दुसरो पे
मेहरबान रही हैं
तेरी खुशबू पर भी किसी और का हक़ हैं
ये मालूम ना था

अब शायद कभी कोई ख्वाईश ना हो
ज़िन्दगी में
ख़ुद पे भी होना पड़ेगा शर्मसार ये
मालूम ना था

Language: Hindi
9 Likes · 10 Comments · 373 Views

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