उसके साथ क्या हुआ था !
मुझे प्रेम लिखना पसंद था और उसे प्रेम की कहानियों से नफ़रत l
कहती थी ये कहानियां महज, सिर्फ एक ख्याल है
जिसे तुम शब्दों से बुनते हो, ये हक़ीक़त से बिल्कुल परे है ।
मैं कहता तुमने कभी प्रेम किया ही नहीं और किया भी हो तो समझा नहीं ,
इसीलिए शायद इतनी नफरत करती हो प्रेम से प्रेम कहानियों से ।
वो कहती अब तुम मुझे बताओगे प्रेम क्या होता है कैसे किया जाता है ।
दोस्त थी मेरी साथ में 7 साल के साथ के पिछले 2 सालो की दूरी
के बात उसके ख्याल इतने बदल जाएंगे नहीं सोचा था ।
कहती है प्रेम तुम्हारी diary के पन्नो में कहानियों,
कविताओं और ख्वाबों में ही अच्छे लगते है ।
हक़ीक़त की दुनिया का प्रेम सिर्फ जिस्मानी होता है ।
उसका इस कदर बात करना मुझे बहुत अंदर तक कोंध गया ।
मैने देखे उसके आंखों में अटके हुए आसु जिसे उसने गिरने
से पहले ही अपने दुप्पटे से पोछ लिया ।
मैं समझ गया इन 2 सालो में कुछ तो हुआ है
ऐसा जिससे रिधमा इतनी सहमी सहमी सी है ।
मैं पूछ बैठा रिधिमा सच सच बताओ इन 2 सालो में क्या हुआ था ।
वो बाद मे मिलते है, कहकर चली गई ।
और मैं उसे चाहकर भी रोक नहीं पाया ….।