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17 Jun 2020 · 1 min read

नारी पर दोहे

नारी पर दोहे
★★★★
नारी की यशगान हो ,नारी माँ का रूप ।
नारी के सहयोग से,मिलते लक्ष्य अनुप।।

नारी बिन कब पूर्ण है?एक सुखी परिवार।
नारी जो सुरभित रहे, सुखी रहे संसार।।

जग में जो करता नहीं , नारी का सम्मान।
कहलाये वह क्यो मनुज?रहे वह पशु समान।।
★★★★★★★★★★★★★
रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”

Language: Hindi
1 Like · 670 Views

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