Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

मेरी आंखों के काजल को तुमसे ये शिकायत रहती है,

मेरी आंखों के काजल को तुमसे ये शिकायत रहती है,
के तुम्हारी नज़र मेरी बिंदी से क्यूं नहीं हटती है

170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पहचान धूर्त की
पहचान धूर्त की
विक्रम कुमार
"ठोको जी भर ताली..!"-हास्य कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?
सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?
Sudhir srivastava
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
प्रिय मित्रों!
प्रिय मित्रों!
Rashmi Sanjay
3514.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3514.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
Shashi kala vyas
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
Sanjay ' शून्य'
The engulfing darkness and the silence stretched too long,
The engulfing darkness and the silence stretched too long,
Manisha Manjari
!! शेर !!
!! शेर !!
डी. के. निवातिया
योग-प्राणायाम
योग-प्राणायाम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अपना ये गणतंत्र
अपना ये गणतंत्र
RAMESH SHARMA
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बेरोजगारी की महामारी
बेरोजगारी की महामारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
हिमांशु Kulshrestha
ना तुझ में है, ना मुझ में है
ना तुझ में है, ना मुझ में है
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
PRATIK JANGID
"सूने मन के"
Dr. Kishan tandon kranti
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मातु शारदे करो कल्याण....
मातु शारदे करो कल्याण....
डॉ.सीमा अग्रवाल
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
Buddha Prakash
बिटिया!तुम संघर्षों से मत घबराना .....
बिटिया!तुम संघर्षों से मत घबराना .....
पं अंजू पांडेय अश्रु
शालिग्राम तुलसी कहलाई हूँ
शालिग्राम तुलसी कहलाई हूँ
Pratibha Pandey
ज़िंदगी पढ़ाई से शुरू दवाई पर खत्म
ज़िंदगी पढ़ाई से शुरू दवाई पर खत्म
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
Basant Bhagawan Roy
Loading...