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12 Jun 2020 · 1 min read

जगत में जो भी, प्रतीत होता है l

जगत में जो भी, प्रतीत होता है l
क्या कोई सही, जीवित होता है ll

प्यास, यहाँ हर है बस मायामयी l
प्यार व्यर्थ में, अवतरित होता है ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

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