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1 May 2020 · 1 min read

मैं मजदूर हूं भारत माता का

मैं मजदूर हूं भारत माता का, खून पसीने की खाता हूं
देश और दुनिया को, मेहनत से सदा बनाता हूं
रूखी सुखी खाता हूं, वंदे मातरम गाता हूं
स्वाभिमान और खुद्दारी से, जीवन के गीत सुनाता हूं
मैं लगा हुआ खेत खलिहान में, भबनो के निर्माण में
कल कारखाने चलते हैं मुझसे, लगा हूं सड़कों के निर्माण में
मैंने दुनिया को बड़ा किया, उद्योगों को खड़ा किया
जीवन का कोई क्षेत्र नहीं, जिसमें ना मैंने काम किया
मैं खड़ा हुआ चौराहों पर, भटक रहा हूं
मैं दर-दर लड़ता रहा जिंदगी भर, लाचारी बेकारी से
फिर भी निर्माण में लगा हुआ, स्वाभिमान खुद्दारी से
मैं मजदूर हूं भारत माता का, करता हूं ईमानदारी से

Language: Hindi
11 Likes · 3 Comments · 252 Views
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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