Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2020 · 1 min read

विजय

तुम्हारी बेएतबारी के काले दिनों में
मेरी चिर-संगिनी, मेरी हताशा.

बोलो कि विषाद की मेरी रेखाओं से
तुम्हारा कहाँ कोई सरोकार.
तुम्हारे साथ ग़ुजरे लम्हें मिले मुझे
झाड़ू रक्खे कोने में.
तुम्हारे इस रवैये को देख
हताशा खिलखिला कर हँस रही है.

इक अदनी-सी नादानी भारी पड़ी
तुम्हारे चट्टान-से उम्मेद पर!
मेरी आँख से छलक आए कतरे
का रंग भी गुस्सैल है.
मेरी लाख मनाही के बावजूद
हताशा तुम्हें बेहद कोस रही है.

टूट गयी चीज़ें जुड़ तो जाती हैं,
मगर कभी जुड़ नहीं पातीं.
मुझे आयने से मोहब्बत हो गयी है
और तस्वीरों से नफ़रत.
हो रहे इस घर्षण को महसूस
हताशा अपार फख्र कर रही है.

वर्जनाओं की फेहरिस्त में इजाफा,
कुछ कामों के गुरुत्व से निजात.
पथरीली राहों के मद्देनजर,
मुझे नई चप्पल खरीदनी पड़ी है.
मुझे पहले से और पुख़्ता पा
हताशा अपने सामान बांध रही है.

Language: Hindi
623 Views

You may also like these posts

भूगोल के हिसाब से दुनिया गोल हो सकती है,
भूगोल के हिसाब से दुनिया गोल हो सकती है,
P S Dhami
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
Ravi Prakash
रोशन सारा शहर देखा
रोशन सारा शहर देखा
डॉ. दीपक बवेजा
थक चुका हूँ बहुत अब.., संभालो न माँ,
थक चुका हूँ बहुत अब.., संभालो न माँ,
पंकज परिंदा
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वागत है रामलाला
स्वागत है रामलाला
Ghanshyam Poddar
" प्रेम "
Dr. Kishan tandon kranti
गोपियों का विरह– प्रेम गीत।
गोपियों का विरह– प्रेम गीत।
Abhishek Soni
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
Ramji Tiwari
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
ऐसा नहीं होता कि
ऐसा नहीं होता कि
हिमांशु Kulshrestha
आखिरी सहारा
आखिरी सहारा
सुशील भारती
~ हमारे रक्षक~
~ हमारे रक्षक~
करन ''केसरा''
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
Karuna Bhalla
ढलती साँझ
ढलती साँझ
शशि कांत श्रीवास्तव
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
दीपक एक जलाना है
दीपक एक जलाना है
surenderpal vaidya
3396⚘ *पूर्णिका* ⚘
3396⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
दुनिया में कहे खातिर बहुते इयार
दुनिया में कहे खातिर बहुते इयार
आकाश महेशपुरी
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
Dr fauzia Naseem shad
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
माँ
माँ
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
Neelam Sharma
Success Story-1
Success Story-1
Piyush Goel
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
G
G
*प्रणय*
चैन अमन
चैन अमन
भगवती पारीक 'मनु'
Loading...