Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2020 · 1 min read

चीर-हरण

छा गया अँधेरा धुँआ उठ रहा है,
हाल ये ही मेरे भारत हो रहा है |
नैतिकता पे भारी अनैतिकता हो रही है,
संतरी से मन्त्री सभी मूक दर्शक है |
कहाँ खो गये हो प्यारे मुरारी,
माँ-भारती का चीर-हरण हो रहा है ||
महंगाई का दानव खड़ा द्वार पे,
विकास के नाम पे सब हरण हो रहा है |
पानी सर से गुजरने लगा अब तो,
क्या-क्या कहूँ कुछ न वरण हो रहा है |
द्रोपदी को बचाया था चीर बन,
अब तो तुम्ही हो नैया, तुम्ही हो खेवैया |
आओ मुरारी बचाओ लाज भारी,
माँ भारती का बेटों से चीर-हरण हो रहा है ||
छा गया चहुओर अँधेरा, धुँआ उठ रहा है,
हाल यही तो, मेरे भारत हो रहा है |
कहाँ खो गये हो प्यारे मुरारी,
माँ-भारती का चीर-हरण हो रहा है ||

पं. कृष्ण कुमार शर्मा “सुमित”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 398 Views

You may also like these posts

अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
शेखर सिंह
आगाह
आगाह
Shyam Sundar Subramanian
रावण अब भी जिंदा है
रावण अब भी जिंदा है
श्रीहर्ष आचार्य
‘बेटियाँ’
‘बेटियाँ’
Vivek Mishra
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
3458🌷 *पूर्णिका* 🌷
3458🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"मित्रता प्रस्ताव
*प्रणय*
*जग से जाने वालों का धन, धरा यहीं रह जाता है (हिंदी गजल)*
*जग से जाने वालों का धन, धरा यहीं रह जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
Madhuyanka Raj
कविता
कविता
Nmita Sharma
महफिल अदब की है
महफिल अदब की है
Manoj Shrivastava
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
|| सेक्युलर ||
|| सेक्युलर ||
जय लगन कुमार हैप्पी
शुष्क दिवस
शुष्क दिवस
Santosh kumar Miri
सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
Mukesh Kumar Sonkar
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
करगिल दिवस
करगिल दिवस
Neeraj Agarwal
संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
डॉ.सीमा अग्रवाल
" खूबसूरती "
Dr. Kishan tandon kranti
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कारगिल वीर
कारगिल वीर
डिजेन्द्र कुर्रे
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
gurudeenverma198
*दिल दरिया बहुत अमीर है*
*दिल दरिया बहुत अमीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
Ajit Kumar "Karn"
मेरे जीवन में जो कमी है
मेरे जीवन में जो कमी है
Sonam Puneet Dubey
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
Loading...