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5 Feb 2020 · 1 min read

नजदीकियों ने हमे सजा दी है

नजदीकियों ने हमें सजा दी है
नीद रातों की उड़ा दी है

इससे तो फासले बेहतर थे
दर्द की हर जगह मुनादी है .

हमने प्यार के गम में होकर पागल
अपनी होशो हया भुला दी है ,

शौक बाँकी रहा न पीने का
उसने नजरों से जो पिलादी है

दिल है नजर है, लब है जुबान है
कुछ भी कहने को पर मनादी है

सोणिये देख तेरी मोहब्बत ने
मेरी हालत ये क्या बना दी है

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