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5 Sep 2019 · 1 min read

दिया अँगूठा काट

दिया अंगूठा द्रोण को, ….एकलव्य ने काट !
रहे न ऐसे शिष्य अब, जिनका ह्रदय विराट!!

बने न सब्जी स्वार्थ की,कभी जायकेदार !
चाहे जितना दीजिए,. चोखा आप बघार !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 249 Views
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